नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) EG.5 समेत SARS-CoV-2 वायरस के कई दूसरे वेरिएंट और स्ट्रेन पर नजर रख रहा है, जिसके लिए उन्होंने 9 अगस्त को एक इनिशियल रिस्क इवेल्यूशन भी पब्लिश किया था. यह इवेल्यूशन यानी मूल्यांकन EG.5 के बारे में वर्तमान में मौजूद एविडेंस पर आधारित है. WHO के डायरेक्टर-जनरल टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने जिनेवा में कहा कि कोविड के ज्यादा खतरनाक वेरिएंट के फैलने का खतरा बना हुआ है, जिससे इसके मामलों और इसकी वजह से होने वाली मौतों में अचानक वृद्धि हो सकती है.
WHO निदेशक ने कहा,
स्थिति में सुधार के बावजूद, WHO COVID-19 से जुड़े खतरे पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए है. ये वायरस कुछ देशों में लगातार फैलता और बदलता रहता है.
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EG.5 और इसके सब-वेरिएंट को आमतौर पर एरिस के नाम से जाना जाता है. हेल्थ एजेंसी ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था.
LIVE: Media briefing on global health issues with @DrTedros https://t.co/BVQnVBxfBI
— World Health Organization (WHO) (@WHO) August 9, 2023
हम EG.5 के बारे में अब तक क्या जानते हैं?
EG.5 जिसे आमतौर पर एरिस (Eris) के नाम से जाना जाता है, वह ओमिक्रॉन सब वेरिएंट XBB.1.9.2 का वंशज (Lineage) है. इनिशियल रिस्क इवेल्यूएशन के मुताबिक अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान सहित 51 देशों में इस वेरिएंट के मामले सामने आए हैं.
EG.5 के लक्षण दूसरे वेरिएंट के समान ही हैं जिनमें बुखार, लगातार खांसी, खाने का स्वाद और गंध न आना, थकान, नाक बहना और गले में खराश शामिल हैं. जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक इसकी रोग क्षमता कोविड के दूसरे वेरिएंट के समान ही नजर आती है.
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EG.5 वेरिएंट को पहली बार 17 फरवरी 2023 को रिपोर्ट किया गया था और 19 जुलाई को इसे वेरिएंट अंडर मोनिटरिंग (VUM) की लिस्ट में जोड़ा गया.
EG.5 के सब-वेरिएंट में से लगभग 30.6 प्रतिशत चीन से हैं, जिनमें इसके 2,247 सब-वेरिएंट शामिल हैं. जिन अन्य देशों ने इसके कम से कम 100 सब-वेरिएंट रिपोर्ट किए हैं उनमें अमेरिका, कोरिया, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.
ये तो साबित हो गया है कि EG.5 तेजी से फैलता है, लेकिन ये कितना खतरनाक है इस पर अब तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है. अपनी कुछ विशेषताओं के कारण EG.5 मामलों में तेजी से बढ़ोतरी की वजह बन सकता है और कुछ देशों या यहां तक कि दुनियाभर में प्रमुख वेरिएंट साबित हो सकता है, जैसा कि इनिशियल रिस्क इवेल्यूएशन (initial risk evaluation) में कहा गया है.
देशों के लिए WHO के दिशा निर्देश
EG.5 जैसे अपकमिंग वेरिएंट और सब-वेरिएंट के खतरे को देखते हुए डॉ. टेड्रोस ने कई देशों को COVID-19 मामलों को मैनेज करने के लिए स्थायी गाइडलाइन जारी की हैं:
- सभी देशों को WHO की रणनीतिक (स्ट्रैटेजिक) तैयारी और रिस्पांस प्लान का इस्तेमाल करके अपने राष्ट्रीय COVID-19 प्रोग्राम को अपडेट करना चाहिए.
- देशों को कोलैबोरेटिव सर्विलांस (collaborative surveillance) के माध्यम से इस कोरोनोवायरस वेरिएंट और स्ट्रेन, इसके मामलों की गंभीरता और पॉपुलेशन इम्युनिटी में बदलाव और ट्रेंड का पता लगाना चाहिए.
- सभी देशों को COVID-19 डेटा की रिपोर्ट के साथ-साथ इस वेरिएंट से होने वाली मौत और गंभीर बीमारी, जेनेटिक सीक्वेंस और वैक्सीन के इफेक्ट का डेटा WHO को देना चाहिए.
- सभी देशों में कोविड-19 का वैक्सीनेशन जारी रहना चाहिए.
- इस बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण पर ज्यादा एविडेंस जुटाने के लिए देशों को कोरोना वायरस से संबंधित रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) शुरू करना चाहिए.
- सभी देशों में स्वास्थ्य कर्मियों और देखभाल करने वालों की सुरक्षा के उपाय मौजूद होने चाहिए.
- सभी देशों को कोविड-19 के लिए सेफ, इफेक्टिव और क्वालिटी एश्योर्ड वैक्सीन, टेस्ट और ट्रीटमेंट तक सभी की समान पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना जारी रखना चाहिए.
WHO डायरेक्टर ने सभी देशों को इस अपकमिंग COVID-19 वेरिएंट, स्ट्रेन और सब-वेरिएंट के खिलाफ लोगों की सुरक्षा के लिए इन गाइडलाइन को लागू करने पर जोर दिया. डॉ. टेड्रोस ने कहा,
हम भविष्य को लेकर कोई भविष्यवाणी तो नहीं कर सकते, लेकिन हम भविष्य के लिए तैयारी जरूर कर सकते हैं.
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