नई दिल्ली: हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस यानी वर्ल्ड फूड डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद दुनियाभर से भुखमरी को मिटाने के लिए लोगों को जागरूक करना और इस दिशा में कार्रवाई को बढ़ावा देना है. इस साल खाद्य असुरक्षा (Food insecurity) को दूर करने के लिए जरूरी पानी की महत्वपूर्ण भूमिका पर फोकस किया गया है. इस साल की थीम है – ‘जल ही जीवन है, जल ही भोजन है. किसी को पीछे न छोड़ें’. विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने वैश्विक खाद्य संकट (Global food crisis) की गंभीर चिंता से अवगत कराया. उन्होंने कहा,
वर्ल्ड फूड डे 2023 ग्लोबल फूड क्राइसिस के दौरान आया है, जब दुनिया भूख और कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में पिछड़ रही है.
एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि लगभग 78 करोड़ लोग भूख का सामना कर रहे हैं और खाद्य असुरक्षा (Food insecurity) के शिकार हैं और लगभग 5 करोड़ बच्चों को इसके चलते सीवियर वास्टिंग (Severe wasting) का खतरा है. मानवीय कोष (Humanitarian funds) की स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन अपील के लिए फंडिंग 32 प्रतिशत है, जो एक महत्वपूर्ण कमी को दर्शाता है.
ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन ओवरव्यू (GHO) 2023 के मुताबिक, खाद्य असुरक्षा यानी फूड इनसिक्योरिटी को कम करने के लिए 55.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर फंड की जरूरत है, जो जरूरतमंद 363 मिलियन लोगों में से 248 मिलियन की मदद करेगा. सितंबर 2023 तक कुल 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर इकट्ठा किए जा चुके हैं, जो इस साल के लिए आवश्यक कुल फंडिंग का 32 प्रतिशत है. यह राशि सितंबर 2022 के अंत में दर्ज की गई राशि (USD 18.6 बिलियन) से कम है.
उन्होंने ग्लोबल फूड क्राइसिस की मुख्य वजहों पर रोशनी डाली, जिसमें संघर्ष, चरम जलवायु, असमानता और आर्थिक अस्थिरता शामिल हैं.
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उन्होंने वर्ल्ड फूड प्रोग्राम द्वारा कई सहायता कार्यक्रमों में की गई कमी के बारे में भी बताया और पर्याप्त संसाधनों के बावजूद हर कुछ सेकंड में भूख से जान गंवाने पर चिंता जाहिर की.
2015 में दुनिया ने 2030 तक भुखमरी को खत्म करने का लक्ष्य रखा था; हालांकि, आठ साल बाद, भुखमरी बढ़ गई है, जिसके लिए मुख्य रूप से राष्ट्रीय सरकारों की ओर से तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.
ग्लोबल फूड क्राइसिस यानी वैश्विक खाद्य संकट पर रोशनी डालते हुए, गुटेरेस ने सरकारों, प्राइवेट सेक्टर के खिलाड़ियों, सिविल सोसायटी और शिक्षा जगत से एक साथ आने और दुनिया के कमजोर समुदायों तक पहुंचकर ‘भूख खत्म करने’ के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करने की अपील की है.
ग्लोबल फूड क्राइसिस से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की सिफारिशें इस तरह हैं:
- उन्होंने कहा, सरकारों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि उनके लोगों को पर्याप्त खाना मिले. संसाधन की कमी का सामना कर रहे देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की जरूरत है.
- क्लाइमेट एक्शन के हिसाब से कृषि में निवेश बढ़ाएं.
- फूड सिस्टम की एफिशिएंसी और पहुंच में सुधार के लिए साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दें.
- भुखमरी को खत्म करने, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (SDG) को हासिल करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पानी को बचाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने एग्रीकल्चर और फूड प्रोडक्शन के लिए पानी के सस्टेनेबल मैनेजमेंट की अपील की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने आगे कहा,
भुखमरी खत्म करना संभव है. इस संकट को ग्लोबल एजेंडे में शीर्ष पर लाने के लिए हम सभी को एक साथ आने की जरूरत है और ऐसे लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन में निवेश करना होगा जो सभी को पर्याप्त खाना प्रदान कर सकें.
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