Connect with us

ताज़ातरीन ख़बरें

World AIDS Day 2021: मिथ्स जो सालों से सच समझे जा रहे हैं, यहां जानें पूरा सच

विश्व एड्स दिवस पर, एचआईवी और एड्स से जुड़े कुछ सामान्य मिथ्स का भंडाफोड़… जानें क्या है पूरा सच.

Read In English
World AIDS Day 2021: मिथ्स जो सालों से सच समझे जा रहे हैं, यहां जानें पूरा सच
Highlights
  • विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है
  • एचआईवी को कंट्रोल करने के लिए एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी कारगर हो सकती है: विशे
  • एक व्यक्ति को सालों तक बिना किसी लक्षण के एचआईवी संक्रमित हो सकता है: विशेष

हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. हालांकि दुर्भाग्य से अभी तक एचआईवी/एड्स का कोई इलाज या टीका नहीं है, एचआईवी से संक्रमित लोग समय पर पता लगाने और एंटीरेट्रोवाइरल उपचार (एआरटी) के साथ लंबा और गतिशील जीवन जी सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी एचआईवी को नियंत्रण में रखने और इसे लंबे समय तक प्रतिरक्षा प्रणाली को दोहराने और नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए बेहद प्रभावी हो सकती है. एचआईवी और एड्स अभी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक चिंता का विषय हैं और इसलिए इस बीमारी से जुड़े कई मिथक हैं जो तथ्यों से दूर हो सकते हैं. यहां कुछ ऐसे मिथ हैं, जिनका भंडाफोड़ करने की जरूरत है.

मिथ एचआईवी/एड्स अब कोई संकट नहीं है.

तथ्य:  दुर्भाग्य से, यह सच नहीं है. एचआईवी या एड्स भले ही सुर्खियां न बटोर रहा हो, लेकिन संकट अभी टला नहीं है. सरकार की नवीनतम एचआईवी अनुमान रिपोर्ट (2019) के अनुसार, भारत में 2019 में लगभग 23.49 लाख लोग एचआईवी/एड्स के साथ जी रहे हैं.

हालांकि, उज्ज्वल पक्ष पर, रिपोर्ट बताती है कि एचआईवी महामारी ने देश में समग्र रूप से घटती प्रवृत्ति को दिखाया है, अनुमानित वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण में 2010 और 2019 के बीच 37 प्रतिशत की गिरावट आई है.

इसे भी पढ़ें: जलवायु परिवर्तन के समाधानों को बढ़ावा देने के लिए मध्‍य प्रदेश की 27 साल की वर्षा ने लिया रेडियो का सहारा

मिथ : किसी को एचआईवी/एड्स है, तो आप उसे देखकर बता सकते हैं.

तथ्य: सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, आपको सालों तक बिना किसी लक्षण के एचआईवी हो सकता है. “अगर कोई इंसान एचआईवी से कांट्रेक्टेड है, तो वो सालों तक एसिंपटमेटिक हो सकता है. संक्रमित व्यक्ति ऐसे लक्षण दिखा सकता है, जो किसी दूसरी तरह के संक्रमण जैसे हों, जैसे कि बुखार और थकान, लेकिन ये लक्षण आमतौर पर सिर्फ कुछ दिनों तक ही रहते हैं.”

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं की शुरूआत के साथ, एचआईवी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है.

NACO के मुताबिक, “एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति जो इलाज लेता है वह अपेक्षाकृत स्वस्थ है और पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्तियों से बहुत अलग नहीं है. जिन लोगों को एचआईवी है, उनके द्वारा स्टीरियोटाइप किए गए लक्षण वास्तव में एड्स की जटिलताओं के कारण होने वाले लक्षण हैं.

इसे भी पढ़ें: विश्व एड्स दिवस 2021: क्यों ‘एचआईवी को हराना आसान नहीं है

मिथ: एचआईवी संक्रमित पानी या भोजन से फैल सकता है.

तथ्य: डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एचआईवी मानव शरीर के बाहर लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता है, और इसलिए, यह पानी में भी जीवित नहीं रह सकता है.

वायरस का कंट्रेक्शन तैरने, पीने या पानी से जुड़ी दूसरी एक्टीविटीज़ से नहीं होता है

वायरस खाना पकाने से पैदा हुई भांप या गर्मी में भी नहीं रह सकता है. इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति उस पर वायरस वाला खाना खाता है, तो उसके पेट का एसिड उसे मार देगा.

मिथ एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के आसपास रहने से एचआईवी हो सकता है.

तथ्य: डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एचआईवी छूने, आंसू, लार, पसीने या मूत्र से नहीं फैलता है.

एक ही हवा (हवा से) सांस ले रहे हैं, सतहों को छूने, गले लगाने, चुंबन करने या हाथ मिलाने, बर्तन साझा करने जैसे दूसरे तरीकों से भी आप वायरस की चपेट में नहीं आ सकते. आप संक्रमित रक्त, वीर्य, ​​योनि द्रव या स्तन के दूध से संक्रमित हो सकते हैं.

मिथ: अगर कोई इलाज करवा रहा है, तो वह वायरस नहीं फैला सकता है.

तथ्य: एचआईवी इलाज का असर यह है कि यह आपके रक्त में मौजूद वायरस की मात्रा को कम करता है. NACO के अनुसार इससे पता लगाने योग्य वायरल लोड नहीं होता है.

कई अध्ययनों से यह साबित होता है कि अगर आपका वायरल लोड पता लगाने योग्य नहीं है, तो आप वायरस को प्रसारित नहीं कर सकते. लेकिन अगर आप अपनी दवाओं की खुराक लेना भूल जाते हैं या उनका उपयोग करना बंद कर देते हैं, तो आप वायरस को दूसरों तक पहुंचा सकते हैं. इसलिए, उन्हें ठीक उसी तरह लेना जरूरी है जैसा और जब निर्धारित किया गया हो. संक्रमित व्यक्तियों को सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहिए ताकि वे वायरस को दूसरों तक न पहुंचाएं. यहां तक ​​कि अगर दोनों यौन साझेदारों को एचआईवी है, तो भी कंडोम पहनने से उन्हें अन्य, संभवतः दवा प्रतिरोधी, उपभेदों से बचाया जा सकता है

इसे भी पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक्‍सपर्ट से जानें, जलवायु परिवर्तन वैश्विक भूख को कैसे प्रभावित कर रहा है?

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Highlights Of The 12-Hour Telethon

Reckitt’s Commitment To A Better Future

India’s Unsung Heroes

Women’s Health

हिंदी में पड़े

Folk Music For A Swasth India

RajasthanDay” src=