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बेंगलुरु की मेघना नारायणन डेलीवेज वकर्स को मेडिकल और लाइफ इंश्‍योरेंस दिलाने में मदद कर रही हैं

मेघना नारायणन का प्रोजेक्‍ट ‘अभय’ फाइनेंशियल बोझ, बीमा कवरेज की कमी, अभूतपूर्व घटनाओं के कारण मौद्रिक प्रभाव, और घरेलू कामगारों और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के बीच सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता की कमी से संबंधित मुद्दों को कवर करती है

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बेंगलुरु की मेघना नारायणन डेलीवेज वकर्स को मेडिकल और लाइफ इंश्‍योरेंस दिलाने में मदद कर रही हैं
नारायणन के प्रोजेक्‍ट को अक्नॉलेज्मेंट मिली और प्रोग्राम के माध्यम से, उन्होंने अपने प्रोजेक्‍ट के इफेक्‍ट को शोकेस करने के लिए संयुक्त राष्ट्र हेडऑफिस में वार्षिक 1M1B सक्रिय प्रभाव शिखर सम्मेलन में भाग लिया.

नई दिल्ली: बेंगलुरु की 18 वर्षीय मेघना नारायणन ने ‘अभय’ नामक एक प्रोजेक्‍ट की स्थापना की है जो स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों को वंचित समुदायों के लिए सुलभ बनाती है. उन्होंने वंचितों के वित्तीय बोझ को कम करने की दृष्टि से ये प्रोजेक्‍ट शुरू किया. प्रोजेक्ट अभय वित्तीय बोझ, बीमा कवरेज की कमी, अभूतपूर्व घटनाओं के कारण मौद्रिक प्रभाव, और घरेलू कामगारों और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के बीच सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता की कमी से संबंधित मुद्दों को कवर करता है.

NDTV-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया टीम से बात करते हुए, नारायणन ने विस्तार से बताया कि कैसे अभया का जन्म एक पसर्नल एक्‍सपीरियंस से हुआ.

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NDTV: सस्ती हेल्‍थ सर्विस तक पहुंच समय की मांग है, खासकर लो इनकम वाली फैमिली के लिए, क्योंकि यह बहुत जरूरी फाइनेंशियल हेल्‍प देता है. इतनी कम उम्र में, आपने इस चिंता को दूर करने के लिए कैसे सोचा?

मेघना नारायणन: यह वास्तव में एक ऐसी कहानी से शुरू हुई जो मेरे बहुत करीब है. एक घरेलू कामगार, माला के पति, जो मेरे अपार्टमेंट कैम्‍पस में काम करते थे, अप्रत्याशित ब्रेन डैमेज से पीड़ित थे, और इसने उन्हें फाइनेंशियल बर्डन, मेडिकल कोस्‍ट, आय की हानि, और बहुत कुछ के रूप में अत्यधिक वित्तीय बोझ में डाल दिया. इसने मुझे हमारे देश में गरीबों के लिए बीमा पॉलिसियों की स्थिति के बारे में सर्वे करने के लिए प्रेरित किया. मुझे पता चला कि भारत के 90 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों की लाइफ या हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसियों तक कोई पहुंच नहीं है. वे अपर्याप्त कवरेज के कारण वित्तीय बोझ के लगातार खतरे में रहते हैं. यह तब है जब मैंने इस मुद्दे को कम करने की दिशा में काम करने का फैसला किया, जिसके बारे में कम बात की जाती है.

NDTV: आपका प्रोजेक्‍ट किन समुदायों और टारगेट ग्रुप के लिए काम करता है?

मेघना नारायणन: मैं जिन समुदायों के लिए काम करती हूं उनमें मुख्य रूप से दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार, सफाई कर्मचारी और गरीबी रेखा से नीचे आने वाले सभी लोग शामिल हैं.

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NDTV: एक्‍शन प्‍लान क्या है; क्या इन लोगों के फाइनेंशियल बर्डन और अपर्याप्त कवरेज को दूर करने के लिए कोई क्यूरेटेड करिक्युलम है?

मेघना नारायणन: मैंने लाइफ इंश्‍योरेंस के साथ शुरुआत की. मेरे काम में लोगों के लिए सरकारी बीमा पॉलिसियों का लाभ उठाना शामिल है. इसके अलावा, मैंने दो लाइफ और दिव्‍यांग पॉलिसियों की भी पहचान की और उनके तहत लगभग 105 घरेलू कामगारों को शामिल किया. इसके अलावा, मैंने आंध्र प्रदेश के लिए स्‍पेशल हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसियों पर भी ध्यान केंद्रित किया और आंध्र प्रदेश के लक्कावरम जिले में एक सिलाई इकाई में काम करने वाली कई महिलाओं का बीमा किया. इसके अतिरिक्त, मैंने लगभग 259 सफाई कर्मचारियों के लिए COVID-19 बीमा खरीदने के लिए धन जुटाने के लिए एक फांड राइजर भी अरेंज किया.

NDTV: आयुष्मान भारत योजना जैसे सरकारी कार्यक्रम हैं जो मेडिकल एक्‍जामिनेशन, ट्रीटमेंट और कंसल्‍टेशन फी के लिए कवरेज देते हैं. प्रोजेक्ट अभय इससे कैसे अलग है?

मेघना नारायणन: मौजूदा सरकारी योजनाएं बहुत व्यापक हैं और कई मुद्दों को कवर करती हैं. लेकिन चिंता की बात यह है कि इन वंचित लोगों में इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूकता और साक्षरता की कमी है. प्रोजेक्ट अभय के माध्यम से, मैं बीमा संबंधी जागरूकता सेशन होस्‍ट करके एक अंतर को पाटने का प्रयास कर रही हूं. इसके अलावा, मैं व्यक्तिगत रूप से इन लोगों को इन योजनाओं में शामिल करने में सहायता करती हूं. मैं सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं के साथ काम करती हूं.

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NDTV: प्रोजेक्ट अभय के लिए भविष्य की क्या योजनाएं हैं?

मेघना नारायणन: भविष्य में, मैं देश के विभिन्न हिस्सों में कई टीमें बनाना चाहूंगी, जिसमें प्रत्येक टीम अखिल भारतीय और राज्य विशिष्ट बीमा पॉलिसियों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करेगी. मैं और अधिक एनजीओ और लाभार्थियों के साथ निकटता में काम करने वाले संगठनों के साथ साझेदारी करना चाहूंगी. इससे अभय की भौगोलिक पहुंच के विस्तार में मदद मिलेगी और प्रोजेक्‍ट को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी.

प्रोजेक्‍ट के प्रभाव का विस्तार करने के लिए, नारायणन ने वंचित महिलाओं के लिए एक गैर सरकारी संगठन सुरुचि के साथ भागीदारी की है. इससे उन्हें अधिक लाभार्थियों के शामिल में मदद मिली.

नारायणन ने बेंगलुरु स्थित संगठन 1M1B’s (1 मिलियन फॉर 1 बिलियन) फ्यूचर लीडर्स प्रोग्राम के साथ एनरोल किया. 1M1B एक संयुक्त राष्ट्र मान्यता प्राप्त गैर-लाभकारी संगठन है जो 1,000,000 नेताओं को सक्रिय करने की दिशा में काम करता है जो 1 अरब आबादी की मदद कर सकते हैं. यह युवाओं को वास्तविक वर्ल्‍ड इफेक्‍ट पैदा करने वाले भविष्य के लिए तैयार समस्या समाधानकर्ता बनने में सक्षम बनाता है.

नारायणन की परियोजना को अक्नॉलेज्मेंट मिली और कार्यक्रम के माध्यम से, उन्होंने न्यूयॉर्क में 3-दिवसीय इमर्श़न में भाग लिया और उन्हें संयुक्त राष्ट्र हेड ऑफिस में वार्षिक 1एम1बी सक्रिय प्रभाव शिखर सम्मेलन में अपने प्रोजेक्‍ट के इफेक्‍ट को दर्शाने का अवसर मिला.

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Highlights: Banega Swasth India Launches Season 10

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Women’s Health

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