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COVID-19 Third Wave In India: कोविड टास्क फोर्स प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा ने कहा- ओमिक्रोन बन रहा है डोमिनेटिंग स्ट्रेन

डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में कोविड मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी तीसरी लहर की ओर इशारा कर रही है.

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COVID-19 Third Wave In India: Omicron Is Becoming A Dominant Strain, Said Dr NK Arora, Covid Task Force Head
Highlights
  • भारत स्पष्ट रूप से कोविड-19 की तीसरी लहर में है: डॉ एनके अरोड़ा
  • 'महानगरों में कोविड के कुल मामलों में से 75% से ज्यादा ओमि‍क्रोन हैं'
  • विभिन्न अध्ययनों के माध्यम से टीकों के शेल्फ जीवन का मूल्यांकन किया जाता है

नई दिल्ली: “भारत स्पष्ट रूप से कोविड-19 की तीसरी लहर में है,” कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा. ऐसा देश में मामलों की संख्या में तेजी से दर्ज बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, देश भर के 23 राज्यों ने अत्यधिक पारगम्य यानी हाईली ट्रांसमिसबिल कोरोनावायरस वेरिएंट ओमि‍क्रोन के मामलों की सूचना दी है, जो पहली बार नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. एनडीटीवी से बात करते हुए डॉ अरोड़ा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बड़े शहरों में, ओमि‍क्रोन एक प्रमुख स्ट्रेन बन रहा है, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में इस नए वेरिएंट द्वारा संचालित संक्रमणों का संयुक्त 75 प्रतिशत हिस्सा है. वे कहते हैं,

अगर हम उन सैम्पल्स को देखें जिनके लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की गई है, तो हम पाते हैं कि दिसंबर के पहले सप्ताह में, हमें ओमि‍क्रोन का पहला मामला मिला, अगले सप्ताह के दौरान हमने देखा कि, राष्ट्रीय स्तर पर, कुल अनुक्रम का लगभग 12 फीसदी नमूने ओमि‍क्रोन के थे. पिछले हफ्ते देश में अनुक्रमित सभी मामलों में यह बढ़कर 28 प्रतिशत हो गया. इसलिए, यह देश में सभी कोविड संक्रमणों के अनुपात के रूप में तेजी से बढ़ रहा है. अब, यह कहने के बाद, मुझे कुछ और महत्वपूर्ण भी कहना चाहिए और वह यह है कि प्रमुख शहरों, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और विशेष रूप से दिल्ली के आसपास, यह उन सभी नमूनों में से 75 प्रतिशत से अधिक है जिन्हें जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए अलग किया गया है.

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डॉ अरोड़ा के मुताबिक पूरे देश में करीब 3,500 नमूनों का जीनोम तैयार किया जा रहा है और इनमें से करीब आधे नमूने बड़े शहरों के हैं.

भारत बायोटेक के कोवैक्सिन की उन खुराकों का उपयोग करके 15-16 आयु वर्ग के किशोरों के टीकाकरण के बारे में बात करते हुए, जो हाल ही में नहीं बने थे और उनकी शेल्फ-लाइफ बढ़ा दी गई थी, डॉ अरोड़ा ने कहा-

बच्चों के लिए कोवैक्सिन की खुराक का टीका लगाया जाना बिल्कुल सुरक्षित है, जिसका जीवन विस्तार (life extension) होता है. प्रारंभ में, जब टीकों का उत्पादन किया जा रहा था, समग्र शेल्फ जीवन सिर्फ उस अवधि के लिए उपलब्ध था जिसके लिए अध्ययन किया जा रहा था. अब, अनुभव के साथ, अलग-अलग जानवरों के अध्ययन के जरिए से शेल्फ जीवन का मूल्यांकन किया गया है और यह पाया गया है कि टीका 12 महीने तक प्रभावी है. तो, यह जीवन-विस्तारित नहीं है. ऐसा ही यूएसए में एमआरएनए टीकों के लिए भी किया गया है. जब भी एक शेल्फ लाइफ तय की जाती है, तो इसे नियामकों द्वारा बहुत जोरदार तरीके से किया जाता है और सभी बेस लाइन टेस्ट किए जाते हैं. यह विज्ञान पर आधारित है कि शेल्फ जीवन अब 12 महीने तक बढ़ा दिया गया है. प्रभावकारिता के मामले में भी 10 महीने पहले निर्मित और हाल ही में बनी खुराकों में कोई फर्क नहीं है.

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डॉ अरोड़ा ने आगे बताया कि ओमि‍क्रोन उछाल के मद्देनजर यह पता लगाने के लिए अध्ययन चल रहा है कि कौन सा टीका या टीका का संयोजन इस प्रकार के खिलाफ सबसे प्रभावी ढंग से काम करेगा. उन्होंने कहा,

अब हमारे सामने एक नई तरह की चुनौती है. एक वेरिएंट है, इतना संक्रामक है कि यह प्राकृतिक संक्रमण और टीकों के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं से टूट रहा है. इसलिए इस चुनौती से निपटने का तरीका जानने के लिए सभी क्रमपरिवर्तन और संयोजनों पर विचार करना होगा. हम अब पारंपरिक तरीके से जारी नहीं रख सकते. हम दुनिया भर में देख रहे हैं कि जिन लोगों ने बूस्टर खुराक ली है, वे भी ओमि‍क्रोन वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में यह बहुत तेजी से बदल रहा वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य परिदृश्य है.

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