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COVID-19 टीकाकरण कवरेज: भारत 1 अरब आबादी को वैक्सीनेट करने कीर्तिमान के करीब

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, 19 अक्टूबर को भारत में कोविड टीकाकरण कवरेज 99 करोड़ से अधिक हो गया है

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COVID टीकाकरण: भारत 1 अरब आबादी को वैक्सीनेट करने कीर्तिमान के करीब
Highlights
  • एक अरब खुराक देना बड़ी उपलब्धि है: डॉ. गुलेरिया
  • भारत अब तक 99.04 करोड़ से अधिक खुराक देने में सक्षम है
  • सरकार का लक्ष्य वर्ष के अंत तक वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण करना है

नई दिल्ली: 90 करोड़ का टीकाकरण करने के कुछ दिनों के अंदर, भारत COVID-19 वैक्सीन की एक अरबवीं (100-करोड़) खुराक देने का एक और मील का पत्थर हासिल करने के लिए तैयार है. मंगलवार (19 अक्टूबर) को एक दिन में 40 लाख से अधिक खुराक देकर देश का सामूहिक वैक्सीन कवरेज बढ़कर 99.06 करोड़ से अधिक हो गया है. भारत सरकार का लक्ष्य इस साल दिसंबर तक देश की पूरी वयस्क आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण करना है.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्विटर पर कहा,

हम 99 करोड़ पर हैं. गो फॉर इट इंडिया, 100 करोड़ #COVID19 टीकाकरण के हमारे मील के पत्थर की ओर तेजी से बढ़ना जारी रखें.

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एनडीटीवी से देश के कोविड टीकाकरण अभियान के 100 करोड़ के लक्ष्‍य की ओर बढ़ने के बारे में बात करते हुए कहा,

यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और हर भारतीय को इस पर गर्व होना चाहिए. हमें इसे उन लोगों को समर्पित करना चाहिए, जिन्होंने बाहर आकर बड़ी संख्या में टीकाकरण किया है. हमारे टीकाकरणकर्ता, चाहे ग्रामीण भारत में हों या शहरी भारत में, उन्होंने यह जिम्‍मेदारी ली कि वे एक अरब लोगों का टीकाकरण करेंगे.

उन्होंने देश की अपनी वैक्सीन बनाने की क्षमता को स्वीकार करने और दूसरे देशों पर निर्भर न रहने पर जोर दिया. उन्होंने देश में कोविड टीकाकरण अभियान चलाने में शामिल लोगों की योजना और प्रयासों की भी सराहना की. उन्‍होंने कहा,

जब कोविड टीकाकरण की बात आती है तो प्‍लानिंग भी उल्लेखनीय रही है. इसने वैज्ञानिकों से लेकर नीति निर्माताओं तक, नौकरशाहों और पूरे समूह जो भारत जैसे बड़े देश के लिए एक वैक्सीन रणनीति तैयार करने में शामिल है, ने बड़ी संख्या में प्रयास किए हैं. जब हम एक अरब खुराक के बारे में बात करते हैं, तो हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमने उन खुराकों को वितरित करने के लिए एक अरब से अधिक सीरिंज बनाए हैं. हमें यह भी पता होना चाहिए कि देश भर में इन डोज को देने और किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की निगरानी करने के लिए भारी मैनपावर शामिल रही. यह सब साबित करता है कि हमारे पास ऐसा करने के लिए लचीलापन और तकनीक है.

डॉ. गुलेरिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश की पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने के लिए जिन चुनौतियों को अभी भी हल करने की जरूरत है. इस मुद्दू पर उन्‍होंने कहा कि झिझक, शालीनता, सबसे कमजोर और उच्च जोखिम वाली आबादी के लिए टीकों की पहुंच और उपलब्धता, वितरण और खुराक के ट्रांसपोटेशन पर ध्‍यान देने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा,

हमारे जैसे रिजल्‍ट के किसी भी टीकाकरण कार्यक्रम में, कुछ क्षेत्रों में आपूर्ति की समस्या हमेशा बनी रहेगी. यह कुछ ऐसा है जो समय के साथ सुचारू हो जाएगा. उदाहरण के लिए, Covaxin एक वैक्सीन है, जिसे स्वदेशी रूप से बनाया जा रहा है. निर्माताओं के पास पहले एक छोटा प्‍लांट था, अब उनके पास एक बहुत बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्‍लांट है. इसलिए उत्पादन बढ़ा है. यह किसी अन्य उत्पाद के निर्माण जैसा नहीं है. टीकों को बहुत सारे परीक्षण और सत्यापन से गुजरना पड़ता है. हमारे सामने बड़ी संख्या में चुनौतियां हैं, जिनका समाधान करने की जरूरत है ताकि पूरी आबादी को टीका लगाया जा सके और उन लोगों को सही खुराक मिल सके, जो टीका केंद्रों में आने में असमर्थ हैं.

उन्होंने चेतावनी दी कि जैसे-जैसे डेली इंफेक्‍शन के नम्‍बर कम हो रहे हैं, लोग आत्मसंतुष्ट हो रहे हैं, लेकिन जोखिम अभी भी बना हुआ है. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से टीका लगवाना और कोविड के उचित व्यवहार का पालन करना ही संक्रमण से खुद को बचाने का एकमात्र तरीका है.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, जबकि राष्ट्र एक अरब खुराक देने के करीब है, योग्‍य लाभार्थियों को अभी भी दूसरी डोज नहीं लगी है. मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से टीकाकरण की दूसरी खुराक पर ध्यान देने का आग्रह किया है.

भारत का COVID-19 वैक्सीन अभियान

भारत में राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण अभियान इस साल 16 जनवरी को शुरू हुआ, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले दौर में खुराक दी गई. 2 फरवरी से फ्रंट लाइन वर्कस को टीकाकरण के लिए योग्‍य बनाया गया. इनमें राज्य और केंद्रीय पुलिस कर्मी, सशस्त्र बल कार्मिक, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक, नगर निगम के कर्मचारी, जेल कर्मचारी, पीआरआई कर्मचारी और राजस्व कर्मचारी, जो नियंत्रण और निगरानी, रेलवे सुरक्षा बल और चुनाव कर्मचारी शामिल थे. इसमें 1 मार्च से 60 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए निर्दिष्ट 20 कॉमरेडिडिटी के साथ शामिल किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगा. 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को COVID-19 टीकाकरण के लिए योग्‍य बनाया गया. 270 दिनों में, देश 100 करोड़ लोगों तक पहुंचने में सफल रहा.

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