Highlights
- असम में मतदान केंद्रों को टीकाकरण केंद्रों में बदला गया
- कई स्थानीय लोग टीकाकरण को लेकर डरे हुए थे: आशा कार्यकर्ता
- बूथ स्तर के अधिकारी सर्वे के आधार पर लाभार्थियों की पहचान कर रहे हैं.
नई दिल्ली: असम की लगभग आधी आबादी यानी केवल 1.72 करोड़ लोगों को अब तक COVID वैक्सीन की पहली डोज ही लगी है. कम से कम गुवाहाटी और उसके आसपास टीकाकरण अभियान की गति में सुधार करने के लिए, सरकार मतदान केंद्रों को टीकाकरण केंद्रों में बदलकर बचे हुए लोगों की पहचान करने के लिए मतदाता सूची का उपयोग कर रही है. इस क्षेत्र में 200,000 से अधिक लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, कामरूप मेट्रो जिले में 200 से अधिक ऐसी सुविधाओं को पहले ही परिवर्तित किया जा चुका है, जहां इन केंद्रों के माध्यम से 12 लाख लाभार्थियों में से लगभग 80 प्रतिशत का टीकाकरण किया जा चुका है.
ऐसा ही एक मतदान केंद्र कामरूप मेट्रो जिले के बाहरी इलाके डिमोरिया में है, जो गुवाहाटी से लगभग 60 किमी पूर्व में है, जहां लोग बाहर कतार में खड़े हैं, इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि वे मानों वोट देने का इंतजार कर रहे हों. हालांकि, ये लोग अपनी COVID-19 वैक्सीन लगावाने के लिए इकठ्ठा हुए हैं.
लाभार्थियों में से एक लक्ष्मी बोरो ने कुछ महीने पहले असम विधानसभा चुनाव के दौरान इसी केंद्र में अपना वोट डाला था.
आज, 27 वर्षीय बोरो एक बार फिर इसी सेंटर पर आई हैं, लेकिन इस बार वह अपनी COVID-19 वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के लिए यहां पहुंची हैं.
वह बूथ स्तर के अधिकारियों, भारत के चुनाव आयोग के स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा सर्वे में पहचाने गए सैकड़ों लोगों में से एक थीं.
बोरो ने एनडीटीवी को बताया, ‘मैं दूसरी डोज लेने से रह गई थीं, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि इसे कहां से लगवाना है. तब स्थानीय आशा कार्यकर्ता ने मुझे इस विशेष अभियान के बारे में बताया. मैंने सुबह 9 बजे से इंतजार किया, मेरा छोटा बच्चा मुझे परेशान कर रहा था, पर फिर भी मैं दूसरी डोज लगवाने में कामियाब रही.’
मतदाता सूचियों का इस्तेमाल करते हुए एक सर्वे के आधार पर, बूथ स्तर के अधिकारी उन लोगों की पहचान कर रहे हैं, जिन्होंने COVID वैक्सीन का लाभ नहीं उठाया है. बूथ स्तर के अधिकारी हरेंद्र बोरो ने NDTV को बताया,
‘सर्वेक्षण से, हमें ‘बचे’ मतदाता मिले और हमने उनकी लिस्ट बनाई. हमें उनके फोन नंबर एकत्र करने में भी मदद की. हमारे द्वारा उपायुक्त कार्यालय को सूची देने के बाद उनसे संपर्क किया गया था.’
असम के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए यह पहल वरदान साबित हुई. कामरूप की एक आशा कार्यकर्ता सहाना बेगम ने एनडीटीवी को बताया कि कई स्थानीय लोग मृत्यु या यहां तक कि अपनी प्रजनन स्वास्थ्य को खोने के डर से टीका लगवाने से बच रहे थे. बेगम ने बताया, लेकिन जैसे ही बूथ स्तर के अधिकारी सामने आए और लोगों को समझाने के लिए सरकारी शिक्षकों ने भी पहल की, टीका न लगवाने वाले लोग सामने आने लगे.
असम में कोविड-19
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार, 30 अगस्त, 2021 को, असम में COVID-19 के कारण 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 538 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए, जबकि 9,140 सैम्पलों की टेस्टिंग के मुकाबले कुल मामले 5,88,856 हो गए. राज्य में वर्तमान मृत्यु दर 0.96 प्रतिशत है और पॉजिटिविटी रेट 0.68 प्रतिशत है. नए मामलों में से सबसे ज्यादा 103 मरीज कामरूप मेट्रो से, इसके बाद जोरहाट में 37, गोलाघाट में 34 और तिनसुकिया में 33 मरीज पाए गए. राज्य में COVID-19 रोगियों का वर्तमान रिकवरी रेट 97.86 प्रतिशत है. राज्य ने अब तक 1.72 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया गया है, जिनमें से 30,77,059 लाख लोगों को दोनों डोज मिल चुकी हैं.