नई दिल्ली: एक ऐसा समावेशी समाज जहां ट्रांसजेंडर को समान अवसर मिले और उनसे कोई भेदभाव न हो, के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी शहर नई दिल्ली में 2023 के लिए नेशनल ट्रांसजेंडर अवॉर्ड के दूसरे सीजन का आयोजन किया गया. इसका पहला सीजन दिल्ली में ही दिसंबर 2021 में आयोजित किया गया था. किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दूसरे सीजन का आयोजन किया था, जो एक दिवसीय सम्मेलन के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था, जिसमें ट्रांसजेंडर समुदाय प्रमुख रूप से शामिल हुआ.
भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुम मिश्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और वर्ष 2022 के लिए ट्रांस समावेशन के क्षेत्र में बदलाव लाने वालों को सम्मानित किया. इस कार्यक्रम को द बर्ड्स एंड बीज़ टॉक द्वारा संचालित किया गया था.
इसे भी पढ़ें: अभिजीत से अभिना अहेर तक, कहानी 45 साल के ‘पाथ ब्रेकर’ ट्रांसजेंड एक्टिविस्ट की…
इस साल, पुरस्कारों की मेन कैटेगरी निम्न थीं –
1. लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड – यह अवॉर्ड उन व्यक्तियों को प्रदान किया गया जो ट्रांस कम्युनिटी के उत्थान की दिशा में काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित किया है कि इस हाशिए पर रहने वाले समुदाय के पास स्थायी और सम्मानजनक रोजगार का अवसर है.
विजेता हैं:
- डॉ. विजय नायर, मानवाधिकार कार्यकर्ता
- अंजलि गोपालन, कार्यकर्ता, संस्थापक, नाज फाउंडेशन ट्रस्ट
- प्लान इंडिया के सीईओ मोहम्मद आसिफ
हेल्पिंग हैंड्स ऑर्गेनाइजेशनल अवॉर्ड – यह अवॉर्ड उन ऑर्गेनाइजेशन को दिया गया, जो कॉर्पोरेट वर्कप्लेस को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
विजेता हैं:
- गोखले रोड बंधन
- ट्वीट फाउंडेशन
- प्लान इंडिया
- आईपीपीएफ (एसएआरओ)
इसे भी पढ़ें: Pride Month Special: “हमारी प्रतिभा हमारे जेंडर से ज्यादा जोर से बोलती है”, ड्रैग आर्टिस्ट सुशांत दिवगीकर
3. ट्रांस एलीशिप अवॉर्ड – यह पुरस्कार उन कंपनियों को दिया गया, जिन्होंने अपने वर्कप्लेस को अधिक समावेशी बनाया है और समुदाय के सदस्यों के लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण किया है.
विजेता हैं:
- फिल्पकार्ट
- सोडेक्सो
- ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप
- बार्कलेस बैंक
- विल्लू पूनावाला फाउंडेशन
- रवि भटनागर, डायरेक्टर, एक्सटर्नल अफेयर्स और पार्टनरशिप, SOA, रेकिट, को भी ट्रांस एलीशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया
4. विद्या अवॉर्ड – यह अवॉर्ड उन पैरेंट्स को दिया गया, जिन्होंने अपने बच्चों के लिए माता-पिता के रूप में ताकत और फ्लेक्सिबल दिखाया है और यह सुनिश्चित किया है कि वे अपने बच्चों के साथ खड़े रहें.
विजेता हैं:
- भारत होटल्स लिमिटेड की प्रबंध निदेशक डॉ. ज्योत्सना सूरी
- अरुणा देसाई, स्वीकार की संस्थापक सदस्य
5. पाथब्रेकर्स अवॉर्ड – यह अवॉर्ड ट्रांस एक्टिविस्ट्स को दिया गया, जिन्होंने नीतियों को बदलने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि समुदाय की आवाज सुनी जा रही है, मानदंड स्थापित किए हैं.
विजेता हैं:
- अपर्णा बनर्जी, LGBTQIA+ अधिकार कार्यकर्ता
- सात्विक शर्मा, सलाहकार, राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान
- मोहुल शर्मा, ट्रांस मैन, खाद्य और पेय सहायक
- नूरी सलीम, 200 से अधिक बच्चों की मां, जो एचआईवी के साथ पैदा हुए थे और छोड़ दिए गए थे
- के. शीतल, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता, पांडिचेरी
- अंजलि रिमी, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट
- किन्नर अस्मिता की फाउंडर नीता केने
- पवित्र निंभोरकर, किन्नर अखाड़ा के नेता
- बोनिता पेबम, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट, इंफाल
- चांदनी शेख, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट
- रामकली, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट
- सिल्वेस्टर मर्चेंट, प्रोग्राम मैनेजर, लक्ष्य ट्रस्ट
- इलाहाबाद से ट्रांसजेंडर लोकसभा उम्मीदवार भवानी मां
इसे भी पढ़ें: ‘किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना है, हमेशा यही सोच रही’, राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर अवार्ड जीतने पर बोले रवि भटनागर