भारत में ओमिक्रोन मामलों की संख्या अब 21 हो गई है, जो एक दिन में दोगुने से ज्यादा हो गई है. ओमिक्रोन कोविड वेरिएंट को ध्यान में रखते हुए, भारतीय एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों द्वारा किए जाने वाले क्वारंटीन नॉर्म्स और रेगुलेशन के लिए स्टेट वाइज गाइडलाइन्स का एक सेट शेयर किया है. क्या यह हम सभी को सामूहिक रूप से सुरक्षित रखने और कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त है? या यह ऐसी स्थिति है, जहां नीतियां तो बहुत हैं लेकिन उनके क्रियान्वयन में कमी है?
कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट पर चिंताओं के बीच केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइज्ड जारी की थी जो 1 दिसंबर से लागू हुई थी. 30 नवंबर को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट से गुजरना पड़ता है और दूसरे देशों से आने वाले दो प्रतिशत यात्रियों को भी रेंडम बेसिस पर टेस्ट करना होगा. दिशानिर्देशों के अनुसार, हवाईअड्डे से निकलने या कनेक्टिंग फ्लाइट लेने से पहले यात्रियों को टेस्ट के रिजल्ट का इंतजार करना होगा.
यूके, और दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, जिम्बाब्वे, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, हांगकांग, सिंगापुर और इजराइल सहित यूरोप के देशों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जोखिम श्रेणी में रखा गया है.
दिल्ली एयरपोर्ट पर रैपिड पीसीआर टेस्ट में एक यात्री को 3,500 रुपये का खर्च आता है, लेकिन परिणाम 60-90 मिनट में आ जाता है. आरटी-पीसीआर की कीमत एक यात्री को 500 रुपये है और परिणाम लगभग छह घंटे में आता है.
इसे भी पढ़ें : असम में मतदान केंद्र बने वैक्सीनेशन सेंटर, चुनाव आयोग ने टीकाकरण अभियान में छूटे लोगों की पहचान में की मदद
जोखिम वाले देश से आने वाला यात्री दिल्ली हवाई अड्डे पर किसी भी टेस्ट को चुन सकता है.
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर अराजकता व्याप्त है, जहां यात्री कोविड टेस्ट के लिए लाइन में लगे हुए हैं, परिणाम में देरी हो रही है और टेस्ट सेंटर यात्रियों की भारी भीड़ को दोष दे रहे हैं. एक गुमनाम यात्री ने एनडीटीवी को बताया कि हवाईअड्डे नए कोविड हॉटस्पॉट लगते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में यात्री होते हैं और कोई सामाजिक दूरी नहीं होती है.
आगमन पर हमें अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देना होता है, जिसके बाद हमें कोविड टेस्ट से गुजरना होगा. हम रैपिड पीसीआर या आरटी-पीसीआर में से किसी एक को चुन सकते हैं. अपने टेस्ट के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों के बैठने की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है. मुझे खड़ा होना पड़ा. एक घंटे से अधिक समय तक मैंने अपने रैपिड पीसीआर टेस्ट के रिजल्ट का इंतजार किया, एक यात्री ने एनडीटीवी को बताया.
दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक अधिकारी ने एयरपोर्ट पर व्यवस्थाओं के बारे में बताया.
हमने कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए 1,400 लोगों के बैठने की व्यवस्था की है. उन लोगों की मदद के लिए करेंसी एक्सचेंज काउंटर खोले गए हैं जिन्हें कार्ड से भुगतान करने में कठिनाई होती है. कृपया ध्यान दें कि दिल्ली हवाईअड्डा देश में पहला है जहां एक डेडिकेटेड लैब है. मल्टीपल टेस्ट के लिए काउंटर खोले गए हैं.
इसे भी पढ़ें : केरल-दिल्ली फैक्टर: तीसरी कोरोना लहर पर कैसे काबू पाया जा सकता है? विशेषज्ञों ने बताया
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे के संचालक डायल को भीड़ को मैनेज करनेकी रणनीतियों को लागू करने का निर्देश दिया, क्योंकि यात्रियों ने नए कोविड-रिलेटेड ट्रेवल गाइडलाइन्स के कार्यान्वयन के बाद अपने टर्मिनल पर अराजकता और भीड़ की शिकायत की थी.
मंत्री ने भारतीय एयरपोर्ट अथॉरिटी, आव्रजन ब्यूरो और जीएमआर समूह के नेतृत्व वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई. दिल्ली हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर टेस्ट करने वाली एकमात्र प्रयोगशाला जेनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक्स के अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. अधिकारियों ने बताया कि बैठक में मंत्री ने डायल को बेहतर भीड़ मैनेजमेंट रणनीति लागू करने का निर्देश दिया.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी में सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट और डब्ल्यूएचओ फेलो डॉ राजिंदर के झमीजा का कहना है कि महामारी की एक अच्छी तरह से डिफाइन ट्रेजेक्ट्री है और हमें इसे ध्यान में रखने की जरूरत है.
हमें यह समझने की जरूरत है कि महामारी का एक फिक्स्ड ट्रेजेक्ट्री है. इन शहरों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के कारण यह हमेशा दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में आता है. इसके बाद यह वायरस इन महानगरीय शहरों से होते हुए टियर 2 शहरों और छोटे शहरों में फैल जाता है. नीति निर्माताओं को इस ट्रेजेक्ट्री को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि वे समस्याओं को समझते हैं और कार्रवाई करते हैं. यात्रा के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.
एविएशन एक्सपर्ट और ट्रेस कंसल्टिंग सर्विसेज के फाउंडर विमल कुमार राय ने एनडीटीवी को बताया कि ऐसा लगता है कि अनिश्चितताओं के मामले में हम 12 महीने पीछे हैं.
हम सभी यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक थे और लोग वापस सामान्य होने लगे हैं, लेकिन यह एक क्रमिक बदलाव है, हवाई अड्डे और एयरलाइंस एक अभूतपूर्व महीने के बाद हमारे लिए यात्रा को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, अब हम एक नए वेरिएंट के साथ फिर से हिट हो रहे हैं. चिंता के नए प्रकार के बीच यात्रा करने के इच्छुक सभी लोगों के लिए मेरे पास दो प्रमुख सुझाव हैं: सबसे पहले तैयार रहें, अपनी रिसर्च कर लें. एजेंट द्वारा बताई गई हर बात पर विश्वास न करें. दूसरी सलाह जो मेरे पास है वह है यात्रा बीमा खरीदना जो कोविड-19 को कवर करता है. ऐसे समय में बीमा आपको अनावश्यक खर्च से निपटने में मदद कर सकता है.