क्या आप जानते हैं कि हम अपने जीवन के वर्तमान तरीके को बनाए रखने के लिए 1.6 अर्थ के बराबर संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं, और पारिस्थितिक तंत्र हमारी मांगों को पूरा नहीं कर सकते हैं? यह एक अस्थिर स्थिति है क्योंकि हम ग्रह के संसाधनों का तेजी से उपयोग कर रहे हैं यह सोचकर की प्रकृति उन्हें फिर से पूरा कर सकती है. यदि इस प्रवृत्ति पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह पृथ्वी पर जीवन के लिए विनाशकारी प्रभाव डाल सकती है. संकट की तात्कालिकता को उजागर करने और अधिक सतत विकास पर जोर देने के लिए, ‘ओनली वन अर्थ’ इस वर्ष के पर्यावरण दिवस का विषय रखा गया है. 1973 से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (WED) के रूप में मनाया जाता है. यही कारण है कि इस दिन को पर्यावरणीय कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है.
1. जलवायु परिवर्तन
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अनुसार, सदी के अंत तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 सी तक सीमित करने के लिए, हमें 2030 तक वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 50 प्रतिशत या आधा कम करना होगा.
इस बात की 50 प्रतिशत संभावना है कि अगले दो दशकों में ग्लोबल वार्मिंग 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगी.
जलवायु संकट चरम मौसम की घटनाओं का कारण बनता है जो हजारों लोगों की जान ले जाता है या उन्हें विस्थापित कर देता है और इसके परिणामस्वरूप खरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान होता है.
आज हम जिस गर्मी को झेल रहे हैं उसके 25 प्रतिशत से अधिक के लिए मीथेन जिम्मेदार है. यह प्राकृतिक गैस का प्राथमिक घटक है.
यहां तक कि अगर हम उस परिदृश्य को प्राप्त करने में सक्षम हैं जहां 2050 तक नेट-शून्य पहुंच गया है, तो ग्लोबल वार्मिंग लघु से मध्यम अवधि में जारी रहेगी, संभावित रूप से पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर का स्तर तक.
अक्षय ऊर्जा में निवेश हाई इकोनॉमी मल्टीप्लायर उच्च आर्थिक गुणक प्रदान कर सकता है और डीकार्बोनाइजेशन की राह पर एक महत्वपूर्ण कदम है.
2. प्रदूषण
वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 70 लाख अकाल मृत्यु होती है या नौ में से एक मौत होती है. दस में से नौ लोग अशुद्ध हवा में सांस लेते हैं, जिससे यह हमारे समय का सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय स्वास्थ्य जोखिम बन जाता है.
2019 में, 92 प्रतिशत लोगों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सुरक्षा दिशानिर्देशों से अधिक वायु प्रदूषण को महसूस किया.
हालिया सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) निगरानी चक्र के अनुसार, सतही और भूजल संसाधनों के स्वास्थ्य के बारे में पर्याप्त जानकारी न होने के चलते 3 अरब से अधिक लोग जोखिम में हैं.
3. जैव विविधता हानि
पारिस्थितिक तंत्र का क्षरण अनुमानित 3.2 बिलियन लोगों की वेलबिंग को प्रभावित करता है, जो दुनिया की आबादी का 40 प्रतिशत है.
विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग की गई 15 प्रतिशत परिवर्तित भूमि का जीर्णोद्धार करने और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र के रूपांतरण को रोकने से 60 प्रतिशत अपेक्षित प्रजातियों के विलुप्त होने को रोका जा सकता है.
80 प्रतिशत जैव विविधता के नुकसान के लिए खाद्य प्रणालियां जिम्मेदार हैं.
4. प्लास्टिक वेस्ट
वर्तमान में, जलीय पारिस्थितिक तंत्र में आने वाला वार्षिक प्लास्टिक कचरा 2016 में 9-14 मिलियन टन से बढ़कर 2040 तक 23-37 मिलियन टन हो सकता है.
1950 से 2017 तक अनुमानित 9.2 बिलियन टन प्लास्टिक का प्रोडक्शन किया गया था, जिसमें से 7 बिलियन टन बेकार हो गया है.