नई दिल्ली: स्तनपान को प्रोत्साहित करने और दुनिया भर के शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से, विश्व स्तनपान सप्ताह प्रतिवर्ष 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है. यह 170 देशों द्वारा स्तनपान की रक्षा, प्रचार और समर्थन करने के लिए मनाया जाता है, डब्ल्यूएचओ का कहना है, स्तनपान किए हुए बच्चे अधिक बौद्धिक और फिट होते हैं. हर साल, इस सप्ताह को एक अनूठी थीम के साथ मनाया जाता है और इस साल की थीम है ‘स्तनपान के लिए कदम: शिक्षित और समर्थन’.
चूंकि विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है, इसलिए शिक्षा के महत्व और स्तनपान के लिए समर्थन के बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है. यह एक सामाजिक कलंक नहीं है बल्कि एक आवश्यकता है जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को आकार देती है.
यहां मां और बच्चे दोनों के लिए स्तनपान के कुछ लाभ बताए गए हैं:
1. ब्रेस्टफीड बच्चे के स्वास्थ्य और सरवाइवल को सुनिश्चित करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. विश्व स्तर पर, छह महीने से कम उम्र के केवल 40% शिशुओं को विशेष रूप से ब्रेस्टफीड कराया जाता है.
2. जैसा कि अध्ययन 21 वीं सदी में स्तनपान: महामारी विज्ञान, तंत्र और आजीवन प्रभाव में कहा गया है, यदि ब्रेस्टफीड को लगभग-यूनिवर्सल लेवल तक बढ़ाया जाता है, तो हर साल लगभग 8,20,000 बच्चों की जान बचाई जा सकती है.
3. पहले छह महीनों के लिए ब्रेस्टफीड महत्वपूर्ण है, डब्ल्यूएचओ कहता है:
माताएं जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराती हैं
विकास और स्वास्थ्य के लिए शिशुओं को शुरुआती छह महीनों के लिए विशेष रूप से स्तनपान कराया जाना चाहिए, और उसके बाद, उनकी विकसित पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, शिशुओं को स्तनपान जारी रखते हुए पोषण संबंधी पर्याप्त और सुरक्षित पूरक खाद्य पदार्थ देने चाहिए.
स्तनपान दो साल या उससे अधिक समय तक जारी रहना चाहिए.
4. भारत में तीन साल से कम उम्र के उन बच्चों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, जिन्हें जन्म के एक घंटे के भीतर ब्रेस्टफीड कराया जाता है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण – 5 के अनुसार, 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, सिक्किम ने जन्म के एक घंटे के भीतर ब्रेस्टफीउ शुरू करने में 33.5 प्रतिशत की सबसे तेज गिरावट दर्ज की है.
5. दूसरी ओर, लखश्वदीप और मेघालय दोनों ने जन्म के एक घंटे के भीतर ब्रेस्टफीड में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दिखाई है, जैसा कि सर्वेक्षण में बताया गया है.
6. ब्रेस्टफीड शिशुओं को बचपन में होने वाली बीमारियों से बचाता है, उन्हें सभी पोषक तत्व देता है और इसमें एंटीबॉडी होते हैं जो उन्हें डब्ल्यूएचओ के अनुसार सामान्य बचपन की बीमारियों जैसे दस्त और निमोनिया से बचाने में मदद करते हैं.
7. डब्ल्यूएचओ का यह भी कहना है कि ब्रेस्टफीड कराने से माताओं को भी लाभ होता है, क्योंकि केवल ब्रेस्टफीड जन्म के बाद पहले छह महीनों में 98% सुरक्षा के साथ बर्थ कंट्रोल की एक प्राकृतिक विधि से जुड़ा है.
8. डब्ल्यूएचओ का कहना, ।यह ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर, टाइप II डायबिटीज, और माताओं के लिए डिलीवरी के बाद डिप्रेशन के जोखिम को कम करता है,
9. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों, किशोरों और वयस्कों के लिए दीर्घकालिक लाभ होते हैं, जिन्हें शिशुओं के रूप में ब्रेस्टफीड कराया जाता है, उनके अधिक वजन या मोटापे की संभावना कम होती है.
10. WHO का कहना है कि ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों में टाइप- II डायबिटीज होने की संभावना कम होती है और वे इंटेलिजेंस टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करते हैं,