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स्वतंत्रता दिवस स्पेशल

#BanegaSwasthIndia सीजन 9 फिनालेः अमिताभ बच्चन ने बताया क्यों जरूरी है ‘लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य का’

कैंपेन का नवां सीजन एक विचार पर फोकस करता है- लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य का. जिसका लक्ष्य नागरिकों, व्यक्तियों, समाज और सरकार को एक साथ लाना है, ताकि देश में सबका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ और बेहतर हो सके

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#BanegaSwasthIndia सीजन 9 फिनालेः अमिताभ बच्चन ने बताया क्यों जरूरी है ‘लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य का’
बनेगा स्वस्थ इंडिया कैंपेन के जरिए एनडीटीवी-डेटॉल कैंपेन साल 2014 से स्वच्छ और सेहतमंद इंडिया बनाने की दिशा में काम कर रहा है. ये सबसे ज्यादा लंबे चलने वाले पब्लिक हेल्थ कैंपेन में से एक है जिसकी शुरूआत से ही कैंपेन एंबेसेडर अमिताभ बच्चन इससे जुड़े हुए हैं

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीजन 9 के फाइनल की शुरूआत करते हुए कैंपेन के एंबेसेडर अमिताभ बच्चन ने कहा, एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया कैंपेन के नौवें सीजन में हमने ‘लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य का’ को अपना गोल चुना. ये गोल पूरे देश के संपूर्ण विकास का है, ये गोल #HealthForAll का है. जिसका लक्ष्य है सभी तक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं और इलाज पहुंचाना और सबकी सेहतमंद जिंदगी सुनिश्चित करना. ‘ये काम आसान नहीं है. लेकिन हमने सब तक पहुंचने की पूरी कोशिश की है’.

बनेगा स्वस्थ इंडिया कैंपेन के जरिए एनडीटीवी-डेटॉल कैंपेन साल 2014 से स्वच्छ और सेहतमंद इंडिया बनाने की दिशा में काम कर रहा है. ये सबसे ज्यादा लंबे चलने वाले पब्लिक हेल्थ कैंपेन में से एक है जिसकी शुरूआत से ही कैंपेन एंबेसेडर अमिताभ बच्चन इससे जुड़े हुए हैं. कैंपेन का नवां सीजन एक विचार पर फोकस करता है- लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य का. जिसका लक्ष्य नागरिकों, व्यक्तियों, समाज और सरकार को एक साथ लाना है, ताकि देश में सबका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ और बेहतर हो सके. सीजन 9 के समापन के मौके पर कैंपेन हेल्थकेयर सेक्टर के हीरो को नमन करता है, जो निःस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा में जुटे रहते हैं.

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कैंपेन के आगे के लक्ष्यों के बारे में अमिताभ बच्चन ने कहा,

बनेगा स्वस्थ इंडिया कैंपेन के जरिए हमने सब तक पहुंचने की कोशिश की है- जो गरीब हैं, जिनके पास कोई साधन नहीं हैं, जो अपनी सेहत पर ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर सकते और जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं.

भारत ने कैसे कोविड 19 को मात दी और उससे क्या सबक सीखा, इस बारे में बताते हुए अमिताभ बच्चन ने आगे कहा,

हमने दो साल पहले कोविड 19 को मात दी, अब हमें डायरिया, संक्रमण से फैलने वाली बीमारी टूबरक्लोसिस और कैंसर से लड़ना है. ऐसी हर बीमारी का इलाज मौजूद है. पर, हमें ये याद रखना है कि ये काम अकेले नहीं किया जा सकता.

हमारे हेल्थ वर्कर्स की सेवा को सैल्यूट करते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा,

हम हमारे महान डॉक्टर्स की वजह से बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं, जो निःस्वार्थ भाव से अपना सब कुछ लोगों की सेवा करने में लगा देते हैं. कोविड के समय में काम के लिए ये डॉक्टर्स दूर दूर तक गए, आज बनेगा स्वस्थ इंडिया के सीजन 9 के समापन पर हम ऐसे उनका सम्मान करते हैं, जिन्होंने कई लोगों की जान बचाने में मदद की है. आज हम इस शो पर हम ऐसे डॉक्टरों को ट्रिब्यूट देते हैं जिन्हें पद्म सम्मान से सम्मानित किया गया है.

कैंपेन के सीजन 9 का आगाज करते हुए एंबेसेडर अमिताभ बच्चन ने इस संदेश के साथ अपनी बात पूरी की,

एक देश के रूप में हमने सबके लिए अच्‍छी सेहत के लक्ष्य को हासिल करने में आ रही चुनौतियों को पहचाना है और कई मुश्किलों को पार भी किया है. हमें उम्मीद है कि पिछले कुछ सालों में बनेगा स्वस्थ इंडिया अभियान द्वारा शुरू की गई ये छोटी-सी क्रांति बहुत आगे तक जाएगी.

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बनेगा स्वस्थ इंडिया कैंपेन का सफर

सीजन वन में कैंपेन ने एक बस से शुरूआत की. जिसने 7 प्रदेशों के 350 गांवों तक का सफर किया. लोगों को सेनिटेशन, टॉयलेट और ठीक तरह से हाथ धोने का महत्व समझाया. इस सीजन के तहत कैंपेन 280 करोड़ रुपए हासिल करने में कामयाब रहा, जिससे भारत के गांवों में टॉयलेट का निर्माण और रखरखाव हो सका.

सीजन 2 में कैंपेन एंबेसेडर अमिताभ बच्चन के साथ स्वच्छता की पाठशाला शुरू की गई. साथ ही बच्चों के लिए स्वच्छता पाठ्यक्रम भी तैयार किया ताकि वो कम उम्र से ही स्वच्छता के सही तरीके अपना सकें.

सीजन 3 में बनेगा स्वस्थ इंडिया कैंपेन के तहत #Mere10Guz की शुरूआत की गई. जो व्यक्तिगत स्वच्छता पर फोकस करता है और अपने आसपास की सफाई के लिए हर व्यक्ति जिम्मेदार मानता है.

सीजन 4 में पुराने सभी एजेंडा पर खास ध्यान रखा गया. इसके साथ ही व्यक्तिगत और नीतिगत स्तर पर स्वच्छता, कंपोस्ट और अपशिष्ट को अलग अलग करने की ड्राइव चलाई गई.

सीजन 5 में वायु प्रदूषण पर फोकस किया गया. डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स की मदद से स्वच्छ वायु का एजेंडा तैयार किया गया. एक और चर्चा मैला ढोने की प्रथा और उसके उन्मूलन पर भी हुई.

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सीजन 6 में स्वच्छ से स्वास्थ की ओर बढ़ा गया, क्योंकि स्वच्छ भारत ही स्वस्थ भारत हो सकता है. इस सीजन का फोकस सेहतमंद माताएं, सेहतमंद बच्चे और सबके लिए पोषण पर रहा. कैंपेन ने महत्वपूर्ण 1000 दिनों के लिए मेडिकली अप्रूव स्वास्थ किट भी विशेष रूप से तैयार की, जिसे माताओं और नवजातों में बांटा गया.

सीजन 7 में कैंपन के तहत सेहतमंद देश के तीन स्तंभों की पहचान की गई. ये तीन स्तंभ हैं- स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं साफ-सफाई और पर्यावरण. कोविड के प्रकोप के बाद नियमित रूप से हाथ धोने की आदत को कोरोनावायरस के खिलाफ सबसे बेहतर बचाव घोषित किया गया. ये बात घूमकर स्वच्छता की उन्हीं आदतों पर पहुंची, जिनकी बनेगा स्वस्थ इंडिया पहले साल से शुरूआत कर चुका था. उसी साल स्वच्छता का महत्व बताते हुए एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया ने 12 घंटे का टेलीथोन आयोजित किया. जिसकी थीम रखी गई- स्वस्थ भारत, संपन्न भारत.

सीजन 8 में, अभियान ने कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए ‘एक स्वास्थ्य, एक ग्रह और एक भविष्य- किसी को भी पीछे न छोड़ने’ के एजेंडे के तहत व्यक्तियों और पर्यावरण की एक-दूसरे पर निर्भरता और लोगों की एक-दूसरे पर निर्भरता पर फोकस किया. जिससे ये स्पष्ट है कि एक व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए सभी का स्वस्थ होना आवश्यक है. सीजन 8 ने भारत में हर किसी के स्वास्थ्य की देखभाल करने और उस पर विचार करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला. खासतौर से कमजोर समुदाय – एलजीबीटीक्यू आबादी, स्वदेशी लोग, भारत की अलग-अलग जनजातियां, जातीय और भाषाई अल्पसंख्यक, विकलांग लोग, प्रवासी, दूर दराज में रहने वाले लोग और जेंडर और सेक्चुअल माइनॉरिटी तक.

सीजन 9 सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर केंद्रित रहा. यही संदेश सीजन 10 में आगे बढ़ेगा, क्योंकि सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को हासिल करने की समय सीमा 2030 तक रखी गई है. और अभी कई बाधाओं को पार करना बाकी है.

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