नई दिल्ली: द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित COVID रोगियों पर लॉन्ग फॉलोअप में पाया गया कि आधे से अधिक लोग जो वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे, उनमें इंफेक्शन के 2 साल बाद भी कम से कम एक लक्षण है. शोध चीन में 1,192 प्रतिभागियों पर आधारित है, जो SARS-CoV-2 से संक्रमित थे और जिनका इलाज वुहान के जिन यिन-टैन अस्पताल में 7 जनवरी से 29 मई, 2020 के बीच छह महीने, 12 महीने और दो साल में किया गया था. अध्ययन में कहा गया है कि सबूत दिखाते हैं कि COVID-19 इससे उबरने वाले काफी लोगों के कई अंगों और प्रणालियों पर दीर्घकालिक प्रभाव डालता है.
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अध्ययन की खास बातें:
- शुरू में बीमार पड़ने के छह महीने बाद, 68 प्रतिशत प्रतिभागियों ने लंबे COVID के लक्षण की सूचना दी.
- इंफेक्शन के दो साल बाद तक लक्षणों की रिपोर्ट गिरकर 55 फीसदी पर आ गई थी.
- थकान या मांसपेशियों में कमजोरी सबसे अधिक बार बताए जाने वाले लक्षण थे. यह छह महीने में 52 प्रतिशत से कम होकर दो साल में 30 प्रतिशत हो गए.
- अपनी प्रारंभिक बीमारी की गंभीरता के बावजूद, 89 प्रतिशत लोग दो वर्षों में अपने मेन काम पर लौट आए थे.
- शुरू में बीमार पड़ने के दो साल बाद, कोविड-19 के रोगी का आमतौर पर सामान्य आबादी की तुलना में स्वास्थ्य खराब रहा, जिसमें 31 प्रतिशत थकान या मांसपेशियों में कमजोरी और 31 प्रतिशत को नींद न आने की समस्या हुई.
- COVID-19 रोगियों में जोड़ों के दर्द, हार्टबीट, चक्कर आना और सिरदर्द सहित कई अन्य लक्षण होने की अधिक संभावना थी.
- लगभग आधे प्रतिभागियों में दो साल में लंबे COVID के लक्षण थे, इनमें बिना लंबे COVID वाले लोगों की तुलना में जीवन की गुणवत्ता कम थी.
- जब मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो 35 प्रतिशत लोगों ने दर्द या बेचैनी की सूचना दी और 19 प्रतिशत ने चिंता या अवसाद की सूचना दी.
- लंबे समय तक COVID पीड़ितों ने सही हो चुके लोगों की तुलना में अधिक बार अपनी गतिशीलता या गतिविधि के साथ समस्याओं का सामना किया.
- डिस्चार्ज के समय प्रतिभागियों की औसत आयु 57 वर्ष थी, जिसमें 54 प्रतिशत पुरुष थे.
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आमतौर पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में समय के साथ सुधार होता है, अध्ययन से पता चलता है कि COVID-19 रोगियों का स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता सामान्य आबादी की तुलना में खराब है. चीन-जापान मैत्री अस्पताल, चीन के अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रोफेसर बिन काओ ने कहा कि,
हमारे निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि भले ही लोग शुरुआती इंफेक्शन में ही ठीक हो गए है, लेकिन अस्पताल में भर्ती COVID-19 से बचे लोगों के एक निश्चित अनुपात को इससे पूरी तरह से ठीक होने के लिए दो साल से अधिक समय लग सकता है. COVID-19 से बचे लोगों, विशेष रूप से लंबे COVID के लक्षणों के साथ लोगों को पूरी तरह से स्वस्थ होने के लिए लम्बा समय लग सकता है.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि उन लोगों को निरंतर मदद की स्पष्ट आवश्यकता है, जिनको COVID-19 हुआ है. यह जानने की भी जरूरत है कि टीके, उभरते उपचार और वेरिएंट दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों को कैसे प्रभावित करते हैं.
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